Holy scripture

Sunday, May 31, 2020

52 Cruelities On GodKabir

52 Cruelities On GodKabir

Because sheikh Taki was extremely jealous of lord Kabir, he tried 52 types of attempts to Kill lord Kabir, which is known as "baavan kasni" his ill will proved to be unsuccessful everytime because nobody can kill the indestructible almighty God. if there was some other saint instead of Lord kabir. he would have been killed. Lord kabir is purn brahm and most powerful god. His body is composed of a single element of divine light and he is immortal.

Friday, May 29, 2020

MagharLeela of lord kabir

MagharLeela Of God Kabir
Everybody was surprised lord kabir left maghar along with his body and aromatic flower were found in place of his body under the sheet.


God kabir comes in all the four yugas

When lord kabir dev

Descending in the form of satsukrit in satyug he used to impart his true spiritual knowledge to Saint And devotees but the saint did not accept it. Instead of calling the supreme god as satsukrit. They started calling him "vamdev ".


Thursday, May 28, 2020

Who is creator of all the universe






हम सभी के मन में यह सवाल आता है। कि कोई परमात्मा तो है। जिसने इस सारी सृष्टि का निर्माण किया है। जिससे इसका संचालन हो रहा है।
वह परमात्मा कौन है कहाँ रहता है
इन सभी सवालों के जबाब जानने के लिए
हमें कुछ आधार जरूरी है
1.हमारे सद् ग्रंथ
2.प्रत्यक्ष दृष्टा अर्थात जिन महापुरुषों ने परमात्मा को देखा
हमारे सभी सद् ग्रंथों की theory जिस भगवान का प्रमाण दे रही हैं। साथ उन महापुरुषों की वाणियाँ भी मेल खाती है।
अब हम आपको ढेर सारे प्रमाण बतायेंगे
Question:-Who is creator of all universe
Ans.:-Lord kabir is complete god and creator of all universe



🌏सृष्टि के रचयिता कबीर परमात्मा
ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 54 मंत्र 3 में लिखा है कि सूर्य के समान यानि जैसे सूर्य ऊपर विद्यमान है ऐसे पवित्र शीतल अमर परमेश्वर कबीर विश्व के सर्व लोकों के ऊपर के लोक में बैठा है, जो सर्व सृष्टि का रचनहार है।

🌏सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा
आदरणीय गरीब दास जी को कबीर परमात्मा मिले थे, उन्होंने अपनी वाणीयों में अनेकों प्रमाण दिए हैं कि कबीर जी ही पूर्ण परमात्मा हैं, जिसने सर्व सृष्टि की रचना की।
"गरीब, जल थल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक। पूर्ण ब्रह्म कबीर है, अविगत पुरुष अलेख।"

🌏श्री गुरु ग्रंथ साहिब पृष्ठ 839, महला 1, राग राग बिलावलु, अंश 1 में श्री नानक जी ने अपनी अमर वाणी में कहा है कि परमात्मा ने स्वयं ही अपने हाथों से सर्व सृष्टि की रचना की है।
आपे सचु कीआ कर जोड़ि। अंडज फोड़ि जोडि विछोड़।।
धरती आकाश कीए बैसण कउ थाउ। राति दिनंतु कीए भउ-भाउ।।

🌏वेदों अनुसार सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा हैं
ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 90 मंत्र 3
इस मंत्र में बताया गया है कि वह पूर्ण ब्रह्म कविर्देव तो परब्रह्म से भी बड़ा है अर्थात् सर्वशक्तिमान है तथा सर्व ब्रह्मण्ड उसी के अंश मात्र पर ठहरे हैं।

🌏सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा
पवित्र बाइबल में उत्पत्ति ग्रंथ में पृष्ठ नं 2 अध्याय 1:20 व 2:5 में परमेश्वर ने कहा कि हम मनुष्य को अपने स्वरुप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं। तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरुप के अनुसार उत्पन्न किया नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की।

🌏सर्व शक्तिमान कबीर परमात्मा
पवित्र बाइबल में भगवान का नाम कबीर है - अय्यूब 36:5(और्थोडौक्स यहूदी बाइबल - OJB)
यहां स्पष्ट है कि कबीर ही शक्तिशाली परमात्मा है।
वही सर्व सृष्टि के रचनहार कुल मालिक हैं।

🌏कुरान के अनुसार कबीर परमात्मा ने ही सारी सृष्टि रची
हजरत मुहम्मद को कुरान शरीफ बोलने वाला प्रभु (अल्लाह) कह रहा है कि वह अल्लाहु अकबर कबीर वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो कुछ भी विद्यमान है सर्व सृष्टी की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सत्यलोक में तख्त पर विराजमान हो(बैठ) गया। क़ुरान सूरह अल-फुरकान 25 आयत 59

🌏कबीर परमात्मा ने ही 6 दिन में सृष्टि रची
बाईबल उत्पत्ति ग्रंथ 1:26 - 2:3 में प्रमाण है कि कबीर परमेश्वर ने 6 दिन में सर्व सृष्टि रचकर सातवें दिन विश्राम किया तथा मनुष्यों की उत्पत्ति अपने स्वरुप के अनुसार की।

🌏सर्व ब्रह्मण्डों को रचने वाले कबीर परमात्मा
अथर्ववेद काण्ड नंबर 4 अनुवाद नं. 1 मंत्र 7
  में कबीर परमात्मा द्वारा की गई सृष्टि रचना का प्रमाण है:-
   भक्तों का वास्तविक साथी, विधिवत साधक को सतलोक ले जाने वाला, सर्व ब्रह्मांड की रचना करने वाला, काल की तरह धोखा न देने वाले आप कविर्देव हैं।

🌏सर्व का रचनहार, दयालु,  सर्व सुखदाई परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।
श्री गुरु ग्रन्थ साहेब, पृष्ठ नं. 721, महला 1, राग तिलंग
आदरणीय नानक साहेब जी की वाणी में लिखा है कि :-
यक अर्ज गुफतम पेश तो दर गोश कून करतार। हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।।

🌏कबीर जी ही पूर्ण परमात्मा हैं व सर्व सृष्टि रचनहार हैं
संत दादू जी कहते हैं
जिन मोकू निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सिरजनहार।।

🌏कबीर परमात्मा ही सृष्टि के रचयिता हैं
संख्या नंबर 920, सामवेद के उतार्चिक अध्याय 5, खंड 4, श्लोक 2
सर्व सृष्टि रचनहार, अविनाशी परमात्मा भक्त के पाप कर्मों को नष्ट करके पवित्र करने वाला स्वयं कबीर देव है।

🌏समर्थ परमात्मा कबीर
संत गरीबदास जी ने अपनी वाणी में बताया कि,
सर्व सृष्टी के रचयिता सत कबीर यानि परमेश्वर कबीर जी ही हैं, जो सतलोक में रहते हैं।
ऐ स्वामी सृष्टा मैं, सृष्टी हमरे तीर, दास गरीब अधर बसू। अविगत सत कबीर।।

🌏"कबीर सागर" *अध्याय ज्ञानबोध खंड बोधसागर* के पृष्ठ 21 - 22 में धर्मदास जी को परमेश्वर कबीर साहेब ने अपने द्वारा रची सृष्टि की जानकारी दी है। जिसमें परमेश्वर कबीर जी ने ब्रह्म, दुर्गा, ब्रह्मा, विष्णु, शिव की उत्पत्ति की जानकारी दी है।

🌏"सृष्टि के उत्पत्ति कर्ता पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी"
आदरणीय गरीबदास साहेब जी की अमृतवाणी में सृष्टी रचना का प्रमाण
आदि रमैणी (सद् ग्रन्थ पृष्ठ नं. 690 से 692 तक)
आदि रमैंणी अदली सारा। जा दिन होते धुंधुंकारा ।।
सतपुरुष कीन्हा प्रकाशा। हम होते तखत कबीर खवासा ।।
अर्थात पहले केवल अंधकार था तथा पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी सत्यलोक में तख्त पर विराजमान थे। हम वहाँ चाकर थे। परमात्मा ने ज्योति निरंजन को उत्पन्न किया। फिर उसके तप के प्रतिफल में इक्कीस ब्रह्मण्ड प्रदान किए। फिर माया (प्रकृति) की उत्पत्ति की।
सच्चे सतगुरु के बिना परमात्मा को पाना असंभव है
पूरे विश्व में एक मात्र संत रामपाल जी महाराज सभी धार्मिक सद् ग्रंथों से प्रमाणित तत्व ज्ञान और पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति बता रहे हैं।
मनुष्य जीवन अनमोल है व्यर्थ ना गवाएं
संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण करें और अपना आत्म कल्याण करवाए
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Wednesday, May 20, 2020

Natural disaster (प्राकृतिक आपदा)


प्राकृतिक आपदा क्या है?
ऐसी कोई भी प्राकृतिक घटना जिससे मनुष्य के जीवन के साथ पर्यावरण को हानि पहुंचे प्राकृतिक आपदाएँ कहलाती है। सदियों से प्राकृतिक आपदायें मनुष्य के अस्तित्व के लिए चुनौती रही है। इन आपदाओं को ‘ईश्वर का प्रकोप भी कहा जाता है। आज मनुष्य अपने निजी स्वार्थ के लिए वनों, जंगलो, मैदानों, पहाड़ो, खनिज पदार्थो का अंधाधुंध दोहन कर रहा है। उसी के परिणाम स्वरुप प्राकृतिक आपदायें दिन ब दिन बढ़ने लगी है।प्राकृतिक आपदाओं के कई प्रकार हैं –
बाढ़
सूखा (अकाल)
महामारी
भूकम्प आदि आदि।
इसी क्रम में वर्तमान में कोरोना जैसी महामारी ने पूरे विश्व में तबाही मचा रखी हैं।इस कोरोना महामारी ने मानव जीवन को अस्त व्यस्त कर रखा है। जिसका अब तक कोई पूर्ण समाधान नही मिला। सिर्फ बचाव ही उपचार है।
 हम पर जब भी कोई आपदा या विपत्ति आती हैं तो भगवान को जरूर याद करते हैं। वह ही सबका रक्षक है।
लेकिन प्रश्न यह उठता है। वह कौन है उसका नाम क्या है
व कहाँ रहता है। जानकारी के लिए click करे

पूर्ण संत पूर्ण परमात्मा की शक्ति से युक्त होते हैं। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज पूर्ण गुरु/संत है। जो शास्त्रानुसार ज्ञान व सतभक्ति बताते हैं जिससे लाखों लोगों की असाध्य बीमारीयां (जैसे कैन्सर, एड्स) ठीक हुई।
साथ ही पूर्ण परमात्मा को प्राप्त करने का भक्ति मार्ग मिला।

Thursday, May 14, 2020

पर्यावरण के नुकसानEnvironmental damage





साधारण शब्दों में यदि कहा जाए तो हमारे चारों तरफ का जो वातावरण है जिसमें सभी जीव जन्तु ,पेड़ पौधे ,मनुष्य,हवा ,पानी मिट्टी आदि तत्व सम्मिलित हो। उसे पर्यावरण कहा जाता हैं। पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। मनुष्य एक पल भी इसके बगैर नहीं रह सकता। हमारे चारों तरफ हरे-भरे पेड़-पौधे से एक सुन्दर और स्वस्थ वातावरण रहता था। धीरे-धीरे मानव जीवन में परिवर्तन आया और अपने कठिन परिश्रम से मनुष्य ने अपने जीवन में प्रगति की उसका रहन-सहन और बदलने लगा। धीरे-धीरे समय बदला और मनुष्य ने अपने जीवन में नये -नये आविष्कारों से न जाने कितनी उपलब्धियां हासिल कर ली।बड़ी-बड़ी गगनचुम्बी इमारतें खड़ी कर दी। बड़ी-बड़ी फैक्टरी, मिल आदि बन गयीं और इन सब उपलब्धियों के साथ जाने अनजाने वह प्रकृति के साथ छेड़छाड़ भी करते गया ,और हमारी प्रकृति को नुकसान पहुंचा,जिसका उसे अहसास तक नहीं है। आज हम देखते हैं कि पहले जिस प्रकार वन उपवन आदि होते थे,चारों ओर एक प्राकृतिक सौन्दर्य दिखाई देता था,आज लोग उसी प्रकृति को नष्ट करते जा रहे हैं। हर जगह जहाँ पर भी घने वृक्ष आदि हैं उन्हें काट -काट कर वहां पर बड़ी-बड़ी इमारतें बनायी जा रही हैं। घने जंगलों को काट कर फैक्टरी, मिल आदि बन रही हैं। इसका हानिकारक प्रभाव मनुष्य के जीवन पर ही पड़ रहा है जिससे वो अनभिज्ञ है या

फिर समझना नहीं चाहता। फैक्ट्री , आदि से जो धुआँ निकल रहा है और उसके खराब रसायनिक तत्व जो जलाशयों में डाल दिए जाते हैं उससे जल प्रदूषण फैलते जा रहा है और धुएँ से निकलने वाली विषैली गैस हवा को प्रदूषित कर वायु प्रदूषण फैला रही है। इसी प्रकार यातायात के साधनों से जो प्रदूषण फैल रहा है वो एक चिंता का विषय बन चुका है। लोगों के स्वास्थ्य पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है। लोग श्वास सम्बन्धी और अन्य बीमारी के शिकार हो रहे हैं। यह स्थिति अत्यंत घातक है। आज कल ज्यादातर घरों में, आफिसों में,और कारों आदि में एयर कंडीशनर लगे हुये हैं और जिनका अधिक इस्तेमाल करने से बाहर का तापमान बहुत बढ़ते जा रहा है और समाचार पत्रों में पढते रहते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है।मनुष्य को इस विषय पर गंभीर रूप से विचार करना होगा कि प्रकृति से खिलवाड़ नहीं करना है और प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखना है। हमें यह जागरूकता लानी ही होगी कि अपने आस-पास जहाँ संभव हो वृक्षारोपण करें ,ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना चाहिए। पर्यावरण के लिए हम सभी को ही जागरूक होने की आवश्यकता है।पर्यावरण को बचाने के लिए हमको साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए। जहाँ तक हो सके हमें अपने आस-पास सफाई रखनी चाहिए। कई लोग इस ओर ज़रा भी ध्यान नहीं देते,जहाँ मन आया कचरा फेंक देते हैं फिर चाहे वो सड़क हो या उनके घर के आस-पास की जगह। ये बिल्कुल गलत है। इस तरह गंदगी फैलने से अनेक बीमारियां फैलती हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।
प्लास्टिक की थैली आदि से जो गंदगी और प्रदूषण फैल रहा है वो एक चिंता का विषय बन चुका है क्योंकि इससे हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को सजग रहना बहुत जरूरी है।
कैसे आयेगा कलयुग में सतयुग जैसा माहौल
संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व को पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति प्रदान कर कल युग में सतयुग जैसा माहौल लायेंगे सब ओर हरियाली फल फूलों से लदे पेड़ पौधे समय पर बरसात और सभी सुखी होंगे।

Wednesday, May 13, 2020

Wrong devotion and atheism (गलत भक्ति और नास्तिकता)


गलत भक्ति से तात्पर्य है जिस भक्तिविधि का हमारे सदग्रंथो में कोई प्रमाण नही हो। वह भक्ति गलत मानी जाती हैं। सही भक्ति नही मिलने के कारण हमें परमात्मा से मिलने वाले लाभ नही मिल पाते हैं।और हमारी ईश्वर में आस्था कम हो जाती हैं। अंत में धीरे धीरे हम नास्तिक हो जाते हैं और वही महात्मा बुद्ध के साथ हुुआ। 

 नास्तिकता क्या है जो जगत की सृष्टि करने वाले व इसका संचालन और नियंत्रण करने वाले ईश्वर के अस्तित्व का सर्व मान्य प्रमाण न होने के कारण स्वीकार नहीं करते हैं

।तत्व दर्शी संंत नही मिलने के कारण है हम ईश्वर के अस्तित्व को नही पहचान सके। जबकि हमारे सद् ग्रन्थ प्रमाण देते हैं की ईश्वर है उसका अस्तित्व हैैं
सच्चे गुरु क्या पहचान है
पूरे विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज ही एक मात्र ऐसे संत हैं जो शास्त्रों के आधार पर ज्ञान समझा रहे हैं और शास्त्रानुकूल भक्ति करवा रहे है। जिससे परमात्मा से मिलने वाला लाभ मिल रहा है। और करोड़ों लोग सच्चे भगवान की सतभक्ति करके सुखी जीवन जी रहे है। साथ ही पूर्ण मोक्ष का भक्ति मार्ग मिला। जो मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य है। 
सभी सद् ग्रंथ प्रमाण देेतेे हैै कि कबीर साहेब ही पूूर्ण परमात्मा है सृष्टि के रचनहार है पूूर्ण मोक्ष दायक है

Friday, May 8, 2020

मनुष्य जीवन में भक्ति का क्या महत्व हैं।

सच्चे सतगुरु के आध्यात्मिक ज्ञान सत्संग से पता चलता है।मनुष्य जीवन अनमोल है भक्ति के बिना यह जीवन व्यर्थ है। 

गीता अध्याय 16 के श्लोक 23 व 24 में लिखा है कि हे अर्जुन जो शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करता है उसे न तो भक्ति की शक्ति ना कोई लाभ होता है और कौनसी भक्ति करनी चाहिए उसके लिए शास्त्र ही प्रमाण है । 

Wednesday, May 6, 2020

सतलोक की वास्तविकता

सतलोक वह स्थान है जहाँ हमेशा मन प्रसन्न रहता है। कभी मृत्यु नही होती और किसी वस्तु का अभाव नही है। किसी प्रकार का संकट नही आता है किसी प्रकार का भेदभाव नही है 

नशा जीवन का नाश करता है।

परमात्मा कबीर जी अपनी अमर वाणी में कहते हैं कि मदिरा पीवै कड़वा पानी। 
त्तर जन्म कुत्ते के जानी।। 


आओ जैन धर्म को जाने

आओ जैन धर्म को जाने ऋषभदेव जी राजा नाभिराज के पुत्र थे। नाभिराज जी अयोध्या के राजा थे। ऋषभदेव जी के सौ पुत्र तथा एक पुत्री थी। एक दिन...